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मैं कौन हूँ? (23)

Who Am I? (23) Reading books any use

मैं कौन हूँ? (23) रमण महर्षि के उपदेश ॐ नमो भगवते श्रीरमणाय मैं कौन हूँ? 23. क्या मुमुक्षु के लिए शास्त्र पढ़ना उपयोगी है? सभी शास्त्र कहते हैं कि मुक्ति पाने के लिए मन को निग्रहित करना चाहिए; इसलिए उनके उपदेशों का सार है कि मन को शान्त करना चाहिए; एक बार इसे समझ लेने […]

मैं कौन हूँ? (22)

Who Am I? (22) Difference between waking and dream

मैं कौन हूँ? (22) रमण महर्षि के उपदेश ॐ नमो भगवते श्रीरमणाय मैं कौन हूँ? 22. क्या जाग्रत एवं स्वप्न में कोई भेद नहीं है? जाग्रत की अवस्था दीर्घ तथा स्वप्न की क्षणिक होती है, इसके अतिरिक्त उनमें कोई भेद नहीं है। जाग्रत अवस्था में, जाग्रत की घटनाएँ जितनी सच लगती हैं, उसी प्रकार स्वप्न के समय, […]

उपदेश सारम – रमण महर्षि की शिक्षाएँ – 1

Upadesa Saram - Esencia de Enseñanzas - versos 1 a 3

उपदेश सारम – रमण महर्षि की शिक्षाएँ – 1 से 3 रमण महर्षि: शिक्षाओं का सार संस्कृत छंद, अंग्रेजी अर्थ और हिंदी अनुवाद उपदेश सारम – रमणा   1 कर्तुराज्ञया प्राप्यते फलं | कर्म किं परं कर्म तज्जडम || kartur ājñyayā prāpyate phalaṃ karma kiṃ paraṃ karma tajjaḍam Karma must ever yield its proper fruit, […]

मैं कौन हूँ? (20 – 21)

Who Am I ? (20 - 21) Liberation of the Soul

मैं कौन हूँ? (20 – 21) रमण महर्षि के उपदेश ॐ नमो भगवते श्रीरमणाय मैं कौन हूँ? 20. क्या ईश्वर या गुरु किसी जीव को मुक्ति नहीं दे सकते? ईश्वर या गुरु केवल मुक्ति का मार्ग दिखाएँगे, वे स्वयं जीव को मुक्ति की अवस्था तक नहीं ले जा सकते। वास्तव में ईश्वर एवं गुरु भिन्न […]

रमण महर्षि के उपदेश : 10

रमण महर्षि के उपदेश : 10

रमण महर्षि के उपदेश : 10 रमण महर्षि के साथ बातचीत बातचीत 532 “मैं कौन हूं?” की पूछताछ करना दुनिया की सभी बीमारियों का एकमात्र उपाय है। यह पूर्ण आनंद भी है। अनुवाद: वसुंधरा

रमण महर्षि के उपदेश : 9

रमण महर्षि के उपदेश : 9 दिन ब दिन भगवान के साथ  हर कोई केवल उन चीजों का पालन करेगा जो उसे खुश करते हैं।  यह सोचकर कि खुशी किसी वस्तु या अन्य से आती है, आप उसका पालन करते हैं। आप देखें कि सारी खुशियाँ कहाँ से आती हैं, खुशी आपको लगता है कि […]

रमण महर्षि के उपदेश : 8

रमण महर्षि के उपदेश : 8

रमण महर्षि के उपदेश : 8 रमण महर्षि के साथ बातचीत बातचीत 398 एक ट्रेन में एक यात्री अपनी मूर्खता से सिर पर अपना भार रखता है।  उसे भार डालने दो नीचे।  वह पाएगा कि लोड अभी भी गंतव्य तक पहुंच गया है। हम कर्ता के रूप में दिखावा न करें।  लेकिन मार्गदर्शक शक्ति को प्रस्तुत […]

मैं कौन हूँ? (19)

Who Am I? (19) What is Non-Attachment

मैं कौन हूँ? (19) रमण महर्षि के उपदेश ॐ नमो भगवते श्रीरमणाय मैं कौन हूँ? 19.  वैराग्य क्या है? जैसे ही विचार उदित हों, उनके स्रोत पर ही, उनका बिना कोई अवशेष छोड़े, उन्हें तुरन्त नष्ट कर देना ही वैराग्य है। जैसे एक गोताखोर, अपनी कमर पर एक पत्थर बाँधे, समुद्र के तल पर गोता लगाता […]

रमण महर्षि के उपदेश : 7

रमण महर्षि के उपदेश : 7

रमण महर्षि के उपदेश : 7 रमण महर्षि के साथ बातचीत बातचीत 398 आदत हमें यह विश्वास दिलाती है कि सोच को रोकना मुश्किल है। अगर गलती का पता चला, तो कोई भी व्यक्ति खुद को परेशान नहीं करेगा अनावश्यक रूप से सोचने के तरीके से।

रमण महर्षि के उपदेश : 6

रमण महर्षि के उपदेश : 6

रमण महर्षि के उपदेश : 6 रमण महर्षि के साथ बातचीत बातचीत 472 विचारों से मुक्त रहें। किसी भी चीज पर पकड़ न रखें। वे तुम्हें नहीं पकड़ते। वास्तविक बने रहें।

मैं कौन हूँ? (16 – 18)

Who Am I ? (16 - 18) Supreme Power makes all things move

मैं कौन हूँ? (16 – 18) रमण महर्षि के उपदेश ॐ नमो भगवते श्रीरमणाय मैं कौन हूँ? 16. स्वरूप का स्वभाव क्या है? यथार्थ में जो अस्तित्त्वमान् है, वह केवल आत्मस्वरूप है। जगत्, जीव और ईश्वर इसमें मोती में चाँदी के आभास की भाँति कल्पित प्रतीति हैं। ये तीनों एक ही समय प्रकट होकर, एक […]

रमण महर्षि के उपदेश : 5

रमण महर्षि के उपदेश : 5

रमण महर्षि के उपदेश : 5 रमण महर्षि के साथ बातचीत बातचीत 312   महर्षि : सभी क्रियाएं चलेंगी कि आप उनमें स्वेच्छा से संलग्न हैं या नहीं। काम अपने आप चलता रहेगा। स्वयं में शामिल होना कार्य में भाग लेना शामिल है। भक्त : यदि मैं कार्य में उपस्थित नहीं होता तो कार्य को […]

 
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