मैं कौन हूँ? – प्रकाशकीय वक्तव्य
ॐ नमो भगवते श्रीरमणाय
प्रकाशकीय वक्तव्य
‘मैं कौन हूँ?’ आत्म-अन्वेषण से जुड़े प्रश्नोत्तर का संग्रह है। ये प्रश्न सन् 1902 में श्री शिवप्रकाशम् पिल्लै द्वारा भगवान् रमण महर्षि से पूछे गए थे। भगवान् उस समय विरूपाक्ष गुफा में मौनावस्था में थे। उन्होंने प्रश्नों के उत्तर लिख कर दिए। प्रश्नोत्तर का यह संग्रह सर्वप्रथम सन् 1923 में श्री पिल्लै द्वारा तमिल भाषा में ‘नान यार ?’ शीर्षक से प्रकाशित कराया गया। बाद में यह कई बार अनेक भाषाओं में प्रकाशित हुआ। ‘मैं कौन हूँ?’ में भगवान् रमण महर्षि से पूछे गए 28 प्रश्न और उनके उत्तर हैं।
प्रश्नोत्तर रूप में अनेक भाषाओं में अनुवादित ‘नान यार ?’ (‘मैं कौन हूँ?’) किन्हीं कारणों से हिन्दी भाषा में प्रकाशित नहीं हो सका था। हिन्दी में ‘मैं कौन हूँ?’ लेख रूप में होते हुए भी प्रश्नोत्तर स्वरूप नहीं था। भगवान् के अनुग्रह से हिन्दी भाषा में प्रश्नोत्तर रूप में यह ग्रन्थ प्रथम बार प्रकाशित किया जा रहा है। हमें विश्वास है कि मैं कौन हूँ? के इस ग्रन्थ का राष्ट्रभाषा हिन्दी में यह प्रकाशन असंख्यों का मार्गदर्शन करेगा।